2008 jaipur Bomb Blast Case: कोर्ट ने सुनाया फैसला,चारों को आजीवन कारावास

AbhijitNewsRajasthan3 months ago30 Views

जयपुर: 13 मई 2008 जयपुर सीरियल ब्लास्ट के मामले में चार आतंकियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. जयपुर के स्पेशल कोर्ट ने सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को दोषी पाया था और मंगलवार (8 अप्रैल) को सजा का ऐलान किया. कोर्ट ने 600 पन्नों में अपना विस्तृत फैसला दिया.

चांदपोल के पास मिला था जिंदा बम
13 मई 2008 को जयपुर में सीरियल ब्लास्ट की घटना हुई थी. जयपुर में एक के बाद एक आठ बम ब्लास्ट हुए थे. एक बम चांदपोल बाजार में एक मंदिर के पास मिला था जिसे बाद में डिफ्यूज किया गया. पेश देश को दहला देने वाले इस सीरियल ब्लास्ट में 71 लोगों की जान चली गई थी.

फांसी की सजा, बाद में हाई कोर्ट ने बरी किया
जयपुर बम धमाकों से ही जुड़े आठ अलग-अलग में इन्हीं चारों को फांसी की सजा सुनाई गई थी. बाद में राजस्थान हाईकोर्ट ने मार्च 2023 में सभी को बरी कर दिया. 17 साल पुराने मामले में अभियोजन पक्ष ने 112 गवाहों के बयान दर्ज किए और कोर्ट में करीब 1200 डॉक्यूमेंट पेश किए थे.

शाम करीब 7.30 बजे हुए थे सीरियल ब्लास्ट
चांदपोल में मिले नौवें जिंदा बम के मामले में कोर्ट में अलग से सुनवाई हुई. 4 अप्रैल 2025 को जयपुर की विशेष अदालत ने चार आरोपियों को दोषी ठहराया. बता दें कि 13 मई 2008 की शाम को राजधानी जयपुर में शाम के करीब साढ़े सात बजे शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में आठ विस्फोट हुए थे. इस धमाके में 185 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे. जौहरी बाजार, सांगानेरी गेट, चांदपोल बाजार और त्रिपोलिया बाजार जैसी व्यस्त जगहों पर ब्लास्ट हुए.

71 लोगों की हुई थी मौत
दरअसल, यह पूरा मामला 13 मई, 2008 को जयपुर के चांदपोल में मिले बम से जुड़ा है। इस बम को सुरक्षा दस्तों ने डिफ्यूज कर दिया था। 13 मई 2008 को जयपुर शहर में सिलसिलेवार तरीके से कुल आठ बम धमाके हुए थे। इसके बाद नौवां बम चांदपोल बाजार के पास मिला था, जिसे डिफ्यूज कर दिया गया था। जयपुर के माणक चौक खंदा, चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर एक के बाद एक बम फटे थे। इन बम धमाकों में 71 लोगों की जान चली गई थी और 180 अन्य घायल हो गए थे।

तीन आरोपी अभी भी कानून की गिरफ्त से बाहर
पुलिस ने इस मामले में कुल 13 लोगों को आरोपी बनाया था. तीन आरोपी अब भी फरार हैं, जबकि दो हैदराबाद और दिल्ली की जेलों में बंद हैं. बाकी दो लोग दिल्ली के बाटला हाउस एनकाउंटर में मारे गए थे.

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