नई दिल्ली: भारत ने अपनी समुद्री सैन्य ताकत को और मज़बूती देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने फ्रांस से 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की सीधी खरीद को मंज़ूरी दे दी है। लगभग 64,000 करोड़ रुपये के इस अहम सौदे के तहत ये अत्याधुनिक विमान स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत से उड़ान भरेंगे। सूत्रों ने बताया कि 22 एकल सीट वाले राफेल-एम जेट और चार दोहरे सीट वाले प्रशिक्षक विमानों के लिए सरकार से सरकार के बीच समझौते पर अगले कुछ दिनों में हस्ताक्षर हो जाएंगे, जिसमें हथियार, सिमुलेटर, चालक दल का प्रशिक्षण और पांच साल का प्रदर्शन आधारित लॉजिस्टिक सपोर्ट शामिल है।
इस डील में सितंबर 2016 में किए गए 59,000 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट के तहत भारतीय वायुसेना में पहले से शामिल किए गए 36 राफेल के लिए अपग्रेड, उपकरण और पुर्जे भी शामिल हैं। नौसेना के लिए ‘स्पेसिफिक इनहेंसमेंट’ के साथ 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों को कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करने के 37 से 65 महीनों में डिलिवर किया जाएगा। एक सूत्र ने कहा कि नया अंतर-सरकारी समझौता भारतीय वायुसेना के सौदे में किए गए समझौते जैसा ही है। सभी 26 जेट 2030-31 तक वितरित किए जाने हैं।