Mock Drill: देश में कहां-कहां होगी मॉक ड्रिल, कैसी रखनी होगी तैयारी,जानिए पूरी डिटेल

AbhijitNews9 hours ago2 Views

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) के लिए देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई को मॉक ड्रिल कराने को कहा है, ताकि किसी आपात स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। आईए जानते हैं, मॉक ड्रिल के दौरान क्या करना है और किन बातों का ध्यान रखना है। देश के 300 से ज्यादा जिलों में 7 मई (बुधवार) को एक बड़ी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए हैं कि वे इस अभ्यास को गंभीरता से लें और अपनी सुरक्षा तैयारियों को परखें। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में लोगों की सक्रिय सहभागिता के साथ ‘मॉक’ अभ्यास करने पर विस्तार से चर्चा की गई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच उभरे ‘‘नए और जटिल खतरों’’ को देखते हुए गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से बुधवार को मॉक ड्रिल करने को
कहा है।

किन-किन जिलों में अभ्यास की तैयारी
राजस्थान, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर जैसे सीमावर्ती राज्यों में स्थित इन जिलों को अभ्यास करने का निर्देश दिया गया है। दिल्ली, पश्चिम बंगाल और पंजाब जैसे राज्यों में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक सक्रिय हैं। ये नियमित रूप से यातायात और भीड़ प्रबंधन सहित नागरिक कर्तव्यों में लगे रहते हैं। भारत की नागरिक सुरक्षा प्रणाली मुख्य रूप से स्वैच्छिक आधार पर संचालित होती है, जिसे वेतनभोगी कर्मियों के एक छोटे से समूह की ओर से नियंत्रित किया जाता है। आपात स्थिति के दौरान इसे बढ़ाया जाता है।

राजस्थानकोटा, रावत-भाटा, अजमेर, अलवर, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, गंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, उदयपुर, सीकर, नाल, सूरतगढ़, आबू रोड, नसीराबाद (अजमेर), भिवरी, फुलेरा (जयपुर), नागौर (मेड़ता रोड), जालोर, बेवर (अजमेर), लालगढ़ (गंगानगर)
उत्तर प्रदेश (UP)बुलन्दशहर (नरौरा), आगरा, इलाहाबाद, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, वाराणसी, बख्शी-का-तालाब, मुगलसराय, सरसावा, बागपत, मुजफ्फर नगर
हरियाणाअंबाला, हिसार, फरीदाबाद, गुड़गांव, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर, झज्झर
गुजरातसूरत, वडोदरा, अहमदाबाद, जामनगर, गांधीनगर, भावनगर, ककरापुर, कांडला, नलिया, अंकलेश्वर, ओखा, वडिनार, भरूच, दंग्स, कच्छ, मेहसाना, नर्मला, नवसारी
जम्मू-कश्मीरअनंतनाग, बडगाम, बारामूला, डोडा, जम्मू, कारगिल, कठुआ, कुपवाड़ा, लेह, पूंछ, राजौरी, श्रीनगर, उद्यमपुर, संब, अखनूर, उरी, नौशेरा, सुंदरबनी, अवंतीपुर, पुलवामा
पंजाबअमृतसर, भटिंडा, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, पठानकोट, अजनामपुर, बरनाला, भाखड़ा-नांगल, हलवारा, कोठकापुर, बटाला, मोहाली (सासनगर), अबोहर, फरीदपुर, रोपड़, संग्रूर
उड़ीसातालचेर, बालासोर, कोरापुट, भुवनेश्वर, गोपालपुर, हीराकुंड, पारादीप, राउरकेला, भद्रक, ढेंकनाल, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा
बिहारबरौनी, कटिहार, पटना, पुर्णिया, बेगूसराय
असमबोंगाईगांव, डिब्रूगढ़, धुबरी, गोलपारा, जोरहाट, सिबसागर, तिनसुकिया, तेजपुर, डिगबोई, डिलियाजान, गुवाहाटी (डिसपुर), रंगिया, नामरूप, नाजिरा, नॉर्थ-लखीमपुर, नुमालीगढ़, डारंग, गोलाघाट
झारखंडबोकारो, गोमियो, गोड्डा, साहेबगंज
अरुणाचल प्रदेशइटानगर, तवांग, हायूलिंग
पश्चिम बंगालकूचबिहार, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, दुर्गापुर, ग्रेटर कोलकाता, हल्दिया, हाशिमारा, खरगपुर, आसनसोल, फरक्का, चितरंजन, बालुरघाट, अलीपुरद्वार इस्लामपुर, दिनहाटा, मेखलीगंज, माथाभांगा, कलिंपोंग, जलढाका, कुर्सियांग, कोलाघाट, बर्धमान, बिरभूम, पूर्व मेदनीपुर, हावड़ा, हुगली, मुर्शिदाबाद
मध्यप्रदेशभोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, कटनी
गोवानॉर्थ गोवा, साउथ गोवा
महाराष्ट्रमुंबई, तारापुर, ठाणे, पुणे, नासिक, पिंपरी चिंचवाड, औरंगाबाद, भुसावल, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग
लक्षद्वीपलक्षद्वीप
कर्नाटकबेंगलुरु, मल्लेश्वर, रायचूर
केरलकोचीन, तिरुवंतपुरम
मेघालयईस्ट खासी हिल्स, जैंतिया हिल, वेस्ट गारो हिल्स
मणिपुरइंफाल, चुराचांदपुर, उखरूल, मोरेह, निगंथौ-खौंग
चंडीगढ़चंडीगढ़
छत्तीसगढ़दुर्ग (भिलाई)
दादरा और नगर हवेलीदादरा (सिलवासा)
दमन और दीवदमन
पुडुचेरीपुडुचेरी
हिमाचल प्रदेशशिमला
दिल्लीनई दिल्ली और दिल्ली छावनी
अंडमान-निकोबारपोर्टब्लेयर
आंध्र प्रदेशहैदराबाद, विशाखापत्तनम
त्रिपुराअगरतल्ला
उत्तराखंडदेहरादून

क्या सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट की सूची में आपका शहर भी?
दरअसल, गृह मंत्रालय ने देश के कुल 35 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट की सूची तैयार की थी। हालांकि, सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को सामान्य प्रशासनिक जिले नहीं कहा जा सकता। उत्तर प्रदेश में ऐसे कुल 19 जिले हैं। इनमें कानपुर, लखनऊ, मथुरा जैसे प्रशासनिक जिले और बक्शी का तालाब, सरवासा जैसे स्थान भी हैं, जो लखनऊ और सहारनपुर में हैं। यहां एयर फोर्स स्टेशन हैं।

मॉक ड्रिल के दौरान ध्यान देने वाली जरूरी बातें

  • मॉक ड्रिल का प्रोटोकॉल सिविल डिफेंस और लोकल पुलिस के अधिकारी तय करेंगे।
  • युद्ध के हालात के हिसाब से सिविल डिफेंस और स्थानीय पुलिस सायरन का प्रोटोकॉल तय करेंगे।
  • पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए सिविल डिफेंस और जिला पुलिस के अधिकारी आम लोगों को युद्ध से संभावित खतरे के प्रति आगाह करेंगे।
  • मॉक ड्रिल के दौरान अगर आप Car चला रहे हैं तो बेहतर होगा की गाड़ी रोककर बाहर आ जाएं।
  • मॉक ड्रिल के दौरान जरूरी सामानों की दुकान बंद नहीं होगी।
  • पूरे शहर में एक साथ मॉक ड्रिल नहीं होगा।
  • मॉक ड्रिल के दौरान फोन और इंटरनेट की सेवाएं बंद नहीं होगी।
  • ब्लैकआउट की मोडालिटीज क्या होगी ब्लैकआउट कितने लंबे समय तक रहेगा यह सिविल डिफेंस और जिला प्रशासन के अधिकारी तय करेंगे।
  • बड़े शहरों में घरों में बंकर नहीं होते. अगर पास में कहीं बेसमेंट हो तो वहां जाना सुरक्षित होगा।
  • बड़े शहरों में रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, बड़े चौराहों और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण जगहों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगे हुए हैं. Mock Drill के दौरान उनका इस्तेमाल करना होगा।
  • यूनिट कमांडेंट मॉक अभ्यास दो तरह से आयोजित करेंगे।

इन-हाउस मॉक अभ्यास
यह अभ्यास केवल आयोजक संस्था/संगठन/उद्योग/विभाग/खतरनाक जगहों के दायरे में किया जाता है, जिसमें बाहरी एजेंसियों को शामिल नहीं किया जाता, सिवाय पर्यवेक्षक के. NDRF को केवल यूनिट के कर्मियों और संसाधनों के साथ ‘इन-हाउस’ मॉक अभ्यास की योजना करना होगा

आउट-हाउस मॉक अभ्यास
यह अभ्यास बड़े स्तर पर किसी समुदाय में किया जाता है, जिसमें स्थानीय, जिला या राज्य स्तर की सभी आपातकालीन सेवा कार्यप्रणाली (ESFs) शामिल होती हैं. इसका उद्देश्य उनकी प्रतिक्रिया व्यवस्था की जांच करना और सभी एजेंसियों के मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) को अपडेट करना है। आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के अनुसार, उप-मंडल/जिला स्तर के आपातकालीन संचालन केंद्र (EOC) और घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (IRS) के नामित अधिकारी अपने-अपने दायित्व निभाएंगे. सभी एजेंसियां जिम्मेदार अधिकारी (IRO) के आदेशों का पालन करेंगी. इस दौरान स्थानीय NGO की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।

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