नई दिल्ली : म्यांमार में शनिवार सुबह एक बार फिर भूकंप के झटकों से लोग सहम गए। यहां 15वीं बार सुबह धरती कांपी। शुक्रवार से आ रहे भूकंप के झटकों से म्यांमार में बड़ी तबाही हुई है। इसमें एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। म्यांमार की मदद के लिए भारत ने राहत सामग्री भेजी है। म्यांमार में एक बार फिर भूकंप के तेज झटकों ने लोगों को डराया। शनिवार सुबह 11.54 बजे यहां एक बार फिर धरती कांपी। 24 घंटे में 15वीं बार लोगों को भूकंप के झटके महसूस हुए। इस बार यहां भूकंप की तीव्रता 4.3 रही। शुक्रवार से अब तक अकेले म्यांमार में भूकंप में 1002 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं इस भूकंप में अभी तक 2300 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। 30 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। राहत-बचाव कार्य तेजी से चल रहा है।
पहला भूकंप का झटका शुक्रवार सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर लगा, इसकी तीव्रता 7.2 मापी गई। इसके बाद दूसरा झटका दोपहर 12 बजकर दो मिनट पर आया, इसकी तीव्रता 7 मापी गई। इसके बाद 12 बजकर 57 मिनट पर एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 5.0 रही। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक म्यांमार में भूकंप का चौथा झटका दोपहर एक बजकर सात मिनट पर आया। इसकी तीव्रता 4.9 रही। 4.4 तीव्रता का पांचवा झटका दो बजकर 48 मिनट पर आया।
म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप का असर थाईलैंड तक में देखने को मिला। म्यामांर के मांडले शहर में दोपहर में आए भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में था। इस भूकंप ने भारी तबाही मचाई। बड़ी-बड़ी इमारतें अचानक जमींदोज हो गईं, सड़कों में कई फीट ददारें आ गईं और बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई। भूकंप के दौरान कैसे हालात थे? वहां का दृश्य कैसा था? चश्मदीदों की ओर से आंखों देखा हाल बयां किया जा रहा है। बैंकॉक से लौटे भारतीयों ने तबाही का खौफनाक मंजर बयां किया है। कहांआस-पास स्काई स्केपर्स (ऊंची-ऊंची इमारतें) हिलने लगीं। इतना ही नहीं, एक इनफिनिटी पूल से पानी भी गिरने लगा। इस दौरान लोग डरे हुए थे कि कहीं इमारत गिर न जाए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। भूकंप के बाद इमरजेंसी लगा दी गई। कुछ घंटों के लिए सार्वजनिक परिवहन बंद कर दिया गया। अभी स्थिति ठीक है। एकभारतीय ने कहा कि फिलहाल हालात सामान्य है। लेकिन जब भूकंप आया तब आपातकालीन स्थिति थी। मॉल और दफ्तर खाली करा दिए गए थे। मेट्रो रेल सिस्टम बंद कर दिया गया। जब भूकंप आया तब मैं एक मीटिंग से लौट रहा था। ब्रिज जोर-जोर से हिलने लगा।
शुक्रवार को म्यांमार और थाईलैंड में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे कई इमारतें, पुल और सड़कें ध्वस्त हो गईं। इस भयावह आपदा में म्यांमार में कम से कम 1002 लोगों की मौत हो गई और 2300 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। वहीं थाईलैंड में 10 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है।अचानक आई इस आपदा के बाद म्यांमार ने आपातकाल लगा दिया गया है। इस भंयकर भूकंप का असर सिर्फ म्यांमार पर ही नहीं बल्कि आसपास के देशों में देखने को मिला है। भूकंप का भारत, चीन नेपाल समेत पांच देशों में देखने को मिला है। भूकंप से प्रभावित म्यांमार की मदद के लिए भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत राहत सामग्री भेजी है। वायुसेना का विमान सी-130 जे करीब 15 टन राहत सामग्री लेकर यांगून पहुंच गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर जानकारी साझा की है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भारतीय वायुसेना (आईएएफ) सी-130जे विमान में सवार होकर म्यांमार को राहत सामग्री भेजी गई।
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि म्यांमार के वरिष्ठ जनरल महामहिम मिन आंग ह्लाइंग से बात की। विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा
रहा है।