विधवा और अनाथ बच्चों को सुरक्षा, ट्रिब्यूनल को ताकत… जानिए नए वक्फ कानून की खास बातें

AbhijitNews2 months ago23 Views

नई दिल्ली: वक्फ संपत्तियों से जुड़े प्रावधानों में बदलाव करने वाला वक्फ संशोधन विधेयक अब पूरी तरह से कानून बन चुका है। संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति मिल गई है। इसके साथ ही यह नया कानून देशभर में लागू हो गया है, जिसका असर वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और नियमन पर व्यापक रूप से पड़ेगा।संसद के उच्च सदन राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े थे. इससे पहले लोकसभा में इसके पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े थे. दोनों सदनों में विपक्षी दलों ने इसका पुरजोर विरोध किया था. विपक्षी दलों के नेताओं ने इसे असंवैधानिक करार दिया था. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार से बिल वापस लेने की अपील भी की थी.

बिल को लेकर सरकार का दावा
इस बिल को लेकर सरकार का दावा है कि इससे वक्फ प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा. गरीब मुसलमान जो अपने अधिकारों से वंचित रहते थे, उन्हें उनके अधिकार मिलेंगे. देश में मुसलमानों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार की दिशा में एक अहम कदम है.

क्फ बिल को मिला नाम
संशोधन और राष्ट्रपति मुर्मू की मंजूरी के बाद अब इस बिल का नाम Unified Management Empowerment Efficiency and Development (उम्मीद) हो गया है. यह कानून सुनिश्चित करता है कि महिलाओं को वक्फ संपत्तियों पर समान उत्तराधिकार अधिकार मिले, जो लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों का अहम हिस्सा है.

क्या हैं प्रमुख प्रावधान?

  • वक्फ बोर्ड की संरचना: बोर्ड में इस्लाम के सभी फिकरों को प्रतिनिधित्व मिलेगा. केंद्रीय वक्फ परिषद में 22 सदस्य होंगे, जिनमें चार गैर-मुस्लिम से अधिक नहीं होंगे.
  • वक्फ़ संपत्ति पर नियंत्रण: वक्फ बोर्ड की देखरेख के लिए परमार्थ आयुक्त (चैरिटी कमिश्नर) की नियुक्ति का प्रस्ताव किया गया है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि संपत्तियों का उचित मैनेजमेंट हो रहा है.
  • विधवा, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथ बच्चों के अधिकारों की रक्षा: कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ति वक्फ़ कर सकता है लेकिन विधवा, तलाकशुदा महिला और अनाथ बच्चों के अधिकार वाली संपत्तियों को वक्फ घोषित नहीं किया जा सकेगा.
  • विवादों के समाधान के लिए ट्रिब्यूनल: देशभर में वक्फ़ से जुड़े 31,000 से अधिक मामले लंबित हैं, इसलिए वक्फ़ न्यायाधिकरण को अधिक सशक्त बनाया गया है. साथ ही अपील का प्रावधान भी जोड़ा गया है, जिससे असंतुष्ट पक्ष दीवानी अदालत में जा सकता है.
  • राष्ट्रीय संपत्ति और स्मारकों की सुरक्षा: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत आने वाली संपत्तियों को वक्फ घोषित नहीं किया जा सकेगा.

क्यों लाया गया विधेयक?
संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू ने सदन में कहा था, 2006 में देश में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थीं, जिनसे मात्र 163 करोड़ रुपये की आय हुई. 2013 के संशोधन के बाद भी यह आय केवल तीन करोड़ रुपये बढ़ी. वर्तमान में देश में 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं लेकिन इनके प्रबंधन को प्रभावी बनाने की आवश्यकता थी.

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