नयी दिल्ली : भारत के सफलतम टेस्ट कप्तान और पिछले एक दशक से भारतीय बल्लेबाजी की धुरी रहे विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की जिससे टी-20 के दौर में भी पारंपरिक क्रिकेट के संकटमोचकों में शुमार इस महान खिलाड़ी के इस प्रारूप में सुनहरे कैरियर पर विराम लग गया। छत्तीस वर्षीय कोहली ने पिछले साल ही टी-20 अंतरराष्ट्रीय से संन्यास ले लिया था। अब वह सिर्फ एक दिवसीय क्रिकेट खेलेंगे। उन्होंने भारत के लिए 123 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 46.85 के औसत से 30 शतकों की मदद से 9230 रन बनाए हैं। कोहली ने स्वीकार किया कि यह फैसला करना आसान नहीं था जिससे खेल के लंबे प्रारूप में उनके भविष्य को लेकर अटकलों का दौर खत्म हो गया। अटकलों का दौर साल के शुरू में ऑस्ट्रेलिया के दौरे के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद शुरू हुआ। वनडे में कोहली के 2027 से पहले संन्यास लेने की उम्मीद नहीं है। हाल में उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान काफी अच्छा प्रदर्शन किया जिसमें उन्होंने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद शतक जड़ा और सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 84 रन बनाए। भारत ने ट्रॉफी जीती जिससे उनके 302 मैच के वनडे करियर में एक और शानदार अध्याय जुड़ गया।
14 साल लंबा करियर, 123 टेस्ट मैच खेले, 30 शतक और 31 अर्धशतक बनाये
विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट में सफर 14 साल लंबा रहा और इस दौरान उन्होंने 123 टेस्ट मैच खेले। विराट ने 123 टेस्ट मैचों की 210 पारियों में 30 शतक, 31 अर्धशतकों की बदौलत 46.85 के औसत से 9230 रन बनाए। पिछले चार वर्षों में उनकी फॉर्म में गिरावट आई और दक्षिण अफ्रीका में श्रृंखला गंवाने के बाद 2022 में उन्होंने कप्तानी से इस्तीफा दे दिया। बाद में उन्होंने कहा कि कप्तानी की भूमिका और इसके कारण सुर्खियों में आने का उन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और उन्होंने मानसिक रूप से ‘खुश’ रहने के लिए कप्तानी छोड़ दी।
कोहली का पोस्ट
कोहली ने इंस्टाग्राम पोस्ट में संन्यास का एलान करते हुए लिखा, ‘टेस्ट क्रिकेट में पहली बार मैंने बैगी ब्लू जर्सी 14 साल पहले पहनी थी। ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह प्रारूप मुझे इस तरह के सफर पर ले जाएगा। इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे पहचान दिया और मुझे ऐसे सबक सिखाए जिन्हें मैं जीवन भर साथ रखूंगा। सफेद जर्सी में खेलना मेरे लिए बहुत ही खास और निजी अनुभव है। परिश्रम, लंबे दिन, छोटे-छोटे पल जिन्हें कोई नहीं देखता, लेकिन यह हमेशा आपके साथ रहते हैं। उन्होंने आगे लिखा, जब मैं इस प्रारूप से दूर जा रहा हूं, तो यह आसान नहीं है, लेकिन यह फिलहाल सही लगता है। मैंने इसमें अपना सबकुछ दिया है और इसने मुझे मेरी उम्मीद से कहीं ज्यादा दिया है। मैं खेल के लिए, मैदान पर खेलने वाले लोगों के लिए और हर उस व्यक्ति के लिए आभारी हूं, जिसने मुझे इस सफर में आगे बढ़ाया। मैं हमेशा अपने टेस्ट करियर को मुस्कुराते हुए देखूंगा।’ कोहली ने आगे अपनी जर्सी का नंबर ‘269’ लिखा और लिखा ‘साइनिंग ऑफ’।
भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान
विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में सबसे सफल भारतीय कप्तान रहे। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 68 मैचों में 40 जीत दर्ज की और 17 में हार का सामना किया। टीम ने इस दौरान 11 मैच ड्रॉ भी खेले। विराट की जीत का प्रतिशत 58.82 का रहा जो पूर्व कप्तानों सौरव गांगुली, एमएस धोनी और मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे दिग्गजों से ज्यादा है। कोहली के बाद सबसे ज्यादा जीत में धोनी का नंबर आता है। माही की कप्तानी में भारत ने 60 टेस्ट में से 27 मैच जीते। रोहित ने भारत के लिए 24 टेस्ट में कप्तानी की और इसमें से टीम 12 टेस्ट जीती। नौ में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। तीन टेस्ट ड्रॉ रहा।
विराट का बतौर कप्तान टेस्ट में सबसे अधिक रन बनाया : विराट कोहली ने कप्तान के तौर पर बल्लेबाजी में भी अपना लोहा मनवाया। उन्होंने 113 पारियों में 54.80 की औसत से 5,864 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 20 शतक और 18 अर्धशतक लगाए। नाबाद 254 रन की पारी बतौर कप्तान उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी रही। वह बतौर टेस्ट कप्तान सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय हैं। उनके बाद एमएस धोनी का नंबर आता है। धोनी ने 60 मैचों में कप्तानी की और इसकी 96 पारियों में 40.63 की औसत से 3454 रन बनाए। इनमें पांच शतक और 24 अर्धशतक रहे। वहीं, ओवरऑल कप्तानों की लिस्ट में चौथे नंबर पर हैं। इस लिस्ट में शीर्ष पर ग्रीम स्मिथ एलेन बॉर्डर और रिकी पोंटिंग हैं। भारत के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट में कप्तानी : कोहली भारत के लिए सबसे ज्यादा 68 टेस्ट मैचों में कप्तानी करने वाले खिलाड़ी हैं। ओवरऑल दुनिया भर के कप्तानों में उनसे आगे ग्रीम स्मिथ, एलेन बॉर्डर, स्टीफन फ्लेमिंग, रिकी पोंटिंग और क्लाइव लॉयड हैं।
दुनिया के चौथे सबसे सफल टेस्ट कप्तान : कोहली दुनिया के चौथे सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं। इस मामले में उनसे आगे दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ, ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग और स्टीव वॉ हैं। हालांकि, 50 से ज्यादा टेस्ट में कप्तानी करने वाले खिलाड़ियों में कोहली का जीत प्रतिशत स्टीव और पोंटिंग के बाद है। कोहली का जीत प्रतिशत 58.82 है, जबकि ग्रीम स्मिथ का जीत प्रतिशतक 48.62 है।